Raat me Sindur lagana chahiye ya nahi: रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? हिंदू धर्म में सिंदूर को लेकर कई प्रकार के मान्यताएं हैं। विवाह के बाद स्त्रियों के लिए सिंदूर लगाना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। स्त्रियों के लिए सिंदूर को सुहाग की निशानी मानी जाती है। हिंदू धर्म में जब तक दूल्हा अपने हाथों से दुल्हन की मांग में 5 या सात बार सिंदूर नहीं भरता है तब तक विवाह को पूर्ण नहीं माना जाता है।
सुहागिन महिलाओं के लिए सिंदूर लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इसे प्रमुख श्रृंगार के तौर पर भी गिना जाता है। ऐसे में इस बात की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है कि रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? कई बार ऐसा होता है कि अत्यधिक गर्मी की वजह से महिलाएं रात में स्नान करती हैं और फिर सिंदूर लगाती हैं। लेकिन सिंदूर लगाने से पहले कुछ नियमों को जान लेना बहुत ही आवश्यक है।
सिंदूर लगाते वक्त यदि आप इन गलतियों को करते हैं तो आपको इसके गंभीर नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए रात को लेकर कई प्रकार के मान्यताएं हैं। कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें रात में करना अशुभ माना जाता है। इसलिए आज हम लोग जानेंगे कि रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं?
रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं
शास्त्रों के मुताबिक, रात में सिंदूर लगाना सुहागिन महिलाओं के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई स्त्री प्रत्येक दिन नियमित रूप से रात में सिंदूर लगाती है तो उनके पति के मन में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होने लगता है। इस वजह से घर की सुख शांति धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
सुहागिन महिलाओं को सूर्य के अस्त होने के बाद भूल कर भी सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। इसके अलावा सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू भी नहीं लगाना चाहिए। रात में सिंदूर लगाने से स्त्री के जीवन में इसका बुरा प्रभाव देखने को मिलता है और घर की सुख शांति नष्ट हो जाती है।
लेकिन यदि आप करवा चौथ का व्रत करती हैं तो करवा चौथ की रात को सिंदूर लगा सकती हैं। इसके अलावा यदि घर में कोई पूजा पाठ है तो रात में सिंदूर लगाया जा सकता है। लेकिन इन कामों के अलावा अन्य किसी भी स्थिति में रात में सुहागिन महिलाओं को सिंदूर नहीं लगाना चाहिए।
यदि आपको किसी आवश्यक कार्य की वजह से रात में सिंदूर लगाना पड़ रहा है तो कोशिश करें कि अपने हाथ से नहीं बल्कि अपने पति के हाथ से अपनी मांग में सिंदूर लगवाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होता है और घर में सुख शांति बनी रहती है।
रात में सिंदूर लगाने के नुकसान
यदि कोई सुहागिन महिला प्रत्येक दिन रात को सिंदूर लगाती है तो धीरे-धीरे घर में भूत प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का वास होने लगता है। इस वजह से घर की सुख शांति नष्ट हो जाती है और घर के सदस्य अक्सर बीमार रहने लगते हैं।
रात को सिंदूर लगाने से पति के मन में पत्नी के प्रति नकारात्मक भाव आने लगता है। इससे जीवन बहुत ही कष्ट में होने लगता है। पढ़ें- Plane crash in Dream: सपने में हवाई जहाज का क्रैश होना शुभ या अशुभ
सुहागन स्त्री यदि प्रतिदिन रात में सिंदूर लगाती है तो उन्हें शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है। यदि कोई महिला लगातार एक महीने तक रात में अपनी मांग में सिंदूर लगाती है तो उनके घर में दरिद्रता आ जाती है।
रात में सिंदूर लगाने से पति-पत्नी के बीच दरार आ जाती है। सुहागिन महिला को कभी भी सोते समय रात को सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। लेकिन यदि कभी कभी रात को सोते समय महिलाएं अपने पति के हाथ से सिंदूर लगाती है तो इसके शुभ परिणाम मिलते हैं।
दिन में सिंदूर कब लगाना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिंदूर लगाने का सबसे सही समय है सुबह का समय। सुहागिन महिलाओं को सुबह स्नान के बाद मां पार्वती और माता लक्ष्मी की पूजा करके उन्हें सिंदूर दान करना चाहिए और फिर उन्हें सिंदूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां पार्वती और माता लक्ष्मी महिलाओं को सौभाग्यवती होने का वरदान देती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, सुहागिन महिलाओं को पीरियड आने के समय भूलकर भी अपनी मांग में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से उनके पति पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और पति पत्नी के रिश्ते में दरार आ जाती है। सिंदूर को बहुत ही शुभ माना जाता है इसलिए पीरियड के समय से नहीं लगाना चाहिए।
इसके अलावा यदि कोई सुहागन महिला मंगलवार के दिन हनुमान जी की मंदिर में दर्शन करने के लिए जाती है तो अपनी मांग में सिंदूर लगाकर नहीं जाना चाहिए। भगवान हनुमान को ब्रह्मचारी माना जाता है इसलिए हनुमान मंदिर में सिंदूर लगाकर नहीं जाना चाहिए।
सुहागिन महिलाओं को नहाने के तुरंत बाद सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से सुहागिन महिलाओं के मन में तरह-तरह के विचार उत्पन्न ना होने लगते हैं और घर में दरिद्रता का निवास हो जाता है।
चंद्र ग्रहण की स्थिति में भी सुहागिन महिलाओं को मांग में सिंदूर नहीं भरना चाहिए। ऐसा करने से उनके जीवन में ग्रहण लग जाता है और कई प्रकार के कष्टों का आगमन हो जाता है। खाली पेट मांग में सिंदूर नहीं भरना चाहिए। स्नानादि के बाद पूजा करने के उपरांत भगवान का भोग या कुछ खा लेने के पश्चात हैं सिंदूर लगाना चाहिए।
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