दक्षिण दिशा में सोना क्यों नहीं चाहिए? इस दिशा में पैर रखकर सोने से क्या होता है?

दक्षिण दिशा में सोना क्यों नहीं चाहिए? दक्षिण दिशा में पैर रखकर नहीं सोना चाहिए? ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इन नियमों का सही तरीके से पालन करता है उनके जीवन में कुछ भी बुरा नहीं होता है। आइए जानते हैं कि दक्षिण दिशा में पैर रखकर क्यों नहीं सोना चाहिए।

दक्षिण दिशा में पैर रखकर क्यों नहीं सोना चाहिए

दक्षिण की दिशा कई कारणों से अच्छा नहीं माना जाता है। घर का दक्षिण मुखी दरवाजा भी शुभ नहीं माना जाता है। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से यमदूत का अपमान माना जाता है। जब भी कोई व्यक्ति मृत हो जाता है तो उनके सर को उत्तर दिशा और पैर को दक्षिण दिशा में रखा जाता है। इससे मृत व्यक्ति की उर्जा बड़ी ही आसानी से बाहर निकल जाती है।

उसी प्रकार एक जीवित व्यक्ति को कभी भी दक्षिण दिशा में पैर और उत्तर दिशा में सर रखकर नहीं सोना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे व्यक्ति के ऊर्जा में ह्रास होता है। ऊर्जा में छपी होने से व्यक्ति अपने आप को कमजोर महसूस करता है। इसके अलावा दक्षिण की दिशा यम की दिशा और इस दिशा में दुष्टों का निवास होता है। दक्षिण दिशा में पैर रखकर सोने से यम का अपमान होता है।

यदि कोई व्यक्ति लगातार कई दिनों तक दक्षिण दिशा में पैर रखकर सोता है तो उनकी ऊर्जा धीरे-धीरे खत्म होने लगती है और उन्हें हमेशा थकान महसूस होती है। लगातार इसी स्थिति में सोने से व्यक्ति का भाव निराशा पूर्ण हो जाता है। विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में चुंबकीय गुण पाए जाते हैं। इसलिए दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से स्मृति भ्रम, मृत्यु और रोग का भय होता है।

इसके अलावा दक्षिण दिशा में पैर रखकर सोने से व्यक्ति के जीवन में निराशा, भय, आलस्य और बुरे सपने तथा मन में कई प्रकार के नकारात्मक विचार आता है। इसके अलावा दक्षिण दिशा को मंगल ग्रह की दिशा भी माना जाता है। इस दिशा में पैर करके सोने से मंगल दोष होने की संभावना होती है।

दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से मस्तिष्क में रक्त का संचार कम हो जाता है और कान में हवा भरती है। इसलिए दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए।

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नोट – यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। बिहार वर्ल्ड इसपर दावा नहीं करता।

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